Tuesday 2 October 2012



दिल के करीब

दिल के दिल में जो बात ​​​है
​कितने करीब है मेरे
मेरे सपनों मेरे मंजिल...
मेरी हसरतों के कितने करीब ​है।​
मेरी दिल को भर देती है हसरतों से
दिल के दिल में जो बात है
जब कभी होता ​हूं में अकेला
दोस्त बन करता मुझसे ​​बातें
मेरे सपनों को मुझसे जोड़ता
मेरे और भी ​​करीब लाता
दिल के दिल में जो बात ​है
कराता जिंदगी से मुलाकात ​है
कोशिश की हर ​​हार में
छिपें सपनों के जीत के मायनें है।
​दिल ​के दिल में जो बात है
मेरे सपनों
मेरे मंजिल के रास्तों के...
कितने करीब ​है।
दिल के दिल में जो बात है
​कितने आसान है रास्तें
दिल के दिल के लिए
बतलाता हर पल मुझे मेरे सपनों के जज्बात है
दिल के दिल में जो बात है
​​कुछ तो इसमें खास हैं
हर लम्हें को ​जी कर
मेरे सपनों के पास है।
​दिल के दिल में जो बात
उसमें यहीं तो खास है।


:- ​सुभाष गडि़या

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