दिल के करीब
दिल के दिल में जो बात है
कितने करीब है मेरे
मेरे सपनों मेरे मंजिल...
मेरी हसरतों के कितने करीब है।
मेरी दिल को भर देती है हसरतों से
दिल के दिल में जो बात है
जब कभी होता हूं में अकेला
दोस्त बन करता मुझसे बातें
मेरे सपनों को मुझसे जोड़ता
मेरे और भी करीब लाता
दिल के दिल में जो बात है
कराता जिंदगी से मुलाकात है
कोशिश की हर हार में
छिपें सपनों के जीत के मायनें है।
दिल के दिल में जो बात है
मेरे सपनों
मेरे मंजिल के रास्तों के...
कितने करीब है।
दिल के दिल में जो बात है
कितने आसान है रास्तें
दिल के दिल के लिए
बतलाता हर पल मुझे मेरे सपनों के जज्बात है
दिल के दिल में जो बात है
कुछ तो इसमें खास हैं
हर लम्हें को जी कर
मेरे सपनों के पास है।
दिल के दिल में जो बात
उसमें यहीं तो खास है।
:- सुभाष गडि़या
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